Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
पाकिस्तान ने की बातचीत की पहल, गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति
भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए सहमत हो गए हैं। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को इसकी पुष्टि कर दी। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने आज दोपहर 15:35 बजे भारतीय डीजीएमओ को फोन किया। उनके बीच सहमति बनी कि दोनों पक्ष भारतीय मानक समयानुसार शाम 5:00 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे। आज दोनों पक्षों को इस सहमति को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सैन्य संचालन महानिदेशक 12 मई को 12:00 बजे फिर से बात करेंगे।'
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका की मध्यस्थता से हुई वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान तत्काल और पूर्ण संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में घोषणा की, ‘अमेरिका की मध्यस्थता में पूरी रात चली बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान तत्काल और पूर्ण संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं।’ ट्रंप ने यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के विदेश मंत्री एस जयशंकर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बातचीत के बाद की। रुबियो ने भी एक्स पर ऐसा ही बयान दिया है।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी पाकिस्तान से सीजफायर को लेकर पोस्ट किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई है। भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ हमेशा से दृढ़ व अटल रुख बनाए रखा है। यह आगे भी ऐसा ही करेगा।' जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम समझौते पर कहा, 'मुझे लगता है कि भारत ने शर्त रखी है कि पाकिस्तान आतंकवाद बंद करेगा, इसलिए भारत ने कहा कि आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई युद्ध की कार्रवाई होगी। संघर्ष विराम का स्वागत है। भारत कभी किसी देश के खिलाफ आक्रामक तरीके से काम नहीं करता, हमारी नीति बहुत स्पष्ट है। हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। हमारी दौड़ तीसरी, दूसरी, पहली अर्थव्यवस्था बनने की है। हम युद्ध, आतंकवाद में विश्वास नहीं करते।'
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ नाम के आतंकवादी संगठन ने ली, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े थे। भारत ने इस कायराना हरकत का जवाब देने के लिए 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। मिराज-2000, सुखोई-30 और राफेल जैसे विमानों का उपयोग कर सटीक हमले किए गए, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए। ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' उन महिलाओं को समर्पित था, जिनके पतियों की हत्या हमले में हुई थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखला गया और उसने नियंत्रण रेखा पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। कुपवाड़ा, राजौरी-पुंछ और पुंछ के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया, जिसमें 16 निर्दोष नागरिक मारे गए। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारत के 15 शहरों पर हमले की कोशिश की, लेकिन भारत के S-400 और अन्य रक्षा प्रणालियों ने इन्हें नाकाम कर दिया। भारत ने लाहौर और सियालकोट में जवाबी कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तान में दहशत फैल गई।